Beautiful Whatsapp messages !!
Beautiful WhatsApp Messages !!
Beautiful Lines for Every Group
''Alone I can 'Say' but
together we can 'talk'.
''Alone I can 'Say' but
together we can 'talk'.
'Alone I can 'Enjoy' but
together we can
'Celebrate'.
'Alone I can 'Smile' but
together we can 'Laugh'.
together we can
'Celebrate'.
'Alone I can 'Smile' but
together we can 'Laugh'.
That's the BEAUTY of
Human Relations.
Human Relations.
We are nothing without
each other
Stay Connected!!.
each other
Stay Connected!!.
######################
Watsapp love song !!
Aashiqui 3...
Hum offline☺ ab reh nahi sakte
Tere bina kya status mera
Tujhse BLOCK kabhi ho jayenge to
Khud se ho jaayenge Khafa
Tere bina kya status mera
Tujhse BLOCK kabhi ho jayenge to
Khud se ho jaayenge Khafa
Kyonki tum hi ho
Ab tum hi ho
Zindagi.. ab tum hi ho
Status bhi; mera Dp bhi;
Mera update bhi ab tum hi ho
Ab tum hi ho
Zindagi.. ab tum hi ho
Status bhi; mera Dp bhi;
Mera update bhi ab tum hi ho
Tere mera rishta hai kaisa
Ek pal offline gawara nahin
Tere liye online hain rehte
Tujhko diya mera waqt sabhi⌚⏰
Koi lamha mera na ho WHATSAPP bina
Har post mein naam teraaaⓂ㊙㊗
Ek pal offline gawara nahin
Tere liye online hain rehte
Tujhko diya mera waqt sabhi⌚⏰
Koi lamha mera na ho WHATSAPP bina
Har post mein naam teraaaⓂ㊙㊗
Kyonki tum hi ho
Ab tum hi ho
Zindagi ab tum hi ho
Morning bhi...mera noon bhi...meri evening bhi
Ab tum hi ho..
Ab tum hi ho
Zindagi ab tum hi ho
Morning bhi...mera noon bhi...meri evening bhi
Ab tum hi ho..
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This is Whatsapp song
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This is Whatsapp song
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ये तेरा शहर कहाँ ढूंढ पायेगा मुझे...
बस्ती से कुछ दूर बसा वीराना हूँ मैं...
बस्ती से कुछ दूर बसा वीराना हूँ मैं...
रोशनी बूढ़ी होकर पहुंचती तो है यहाँ...
ख़ुदकुशी करते उजालों का ठिकाना हूँ मैं...
बीत जाती है जिसकी रात सिसकियों में..
वो शख्स दिन के उजालों में सारे जहाँ को हंसाता फिरता है..
ख़ुदकुशी करते उजालों का ठिकाना हूँ मैं...
बीत जाती है जिसकी रात सिसकियों में..
वो शख्स दिन के उजालों में सारे जहाँ को हंसाता फिरता है..
बुध्धू कोई पूछे मेरे बारे में तो कह देना इक लम्हा था जो गुज़र गया.
कोई पूछेगा तेरे बारे में तो कह दूंगा इक लम्हा था जो मैं जी गया...
दिल ना-उम्मीद नही, ना-काम ही तो है,
लम्बी है ग़म की शाम मगर, शाम ही तो है.....
लम्बी है ग़म की शाम मगर, शाम ही तो है.....
है किस्मत हमारी आसमान में चमकते ...सितारे... जैसी ....
लोग अपनी तमन्ना के लिए हमारे टूटने का इंतज़ार करते हैं...
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-हरिवंशराय बच्चन की बहुत ही अच्छी पंक्तियाँ-
"जब मुझे यकीन है के भगवान मेरे साथ है।
तो इस से कोई फर्क नहीं पड़ता के कौन कौन मेरे खिलाफ है।।"
+
तजुर्बे ने एक बात सिखाई है...
एक नया दर्द ही...
पुराने दर्द की दवाई है...!
+
हंसने की इच्छा ना हो...
तो भी हसना पड़ता है...
कोई जब पूछे कैसे हो...??
तो मजे में हूँ कहना पड़ता है
+
ये ज़िन्दगी का रंगमंच है दोस्तों....
यहाँ हर एक को नाटक करना पड़ता है.
"माचिस की ज़रूरत यहाँ नहीं पड़ती..
यहाँ आदमी आदमी से जलता है...!
+
जल जाते हैं मेरे अंदाज़ से मेरे दुश्मन
क्यूंकि एक मुद्दत से मैंने न मोहब्बत बदली और न दोस्त बदले .!!.
+
एक घड़ी ख़रीदकर हाथ मे क्या बाँध ली..
वक़्त पीछे ही पड़ गया मेरे..!!
+
सोचा था घर बना कर बैठुंगा सुकून से..
पर घर की ज़रूरतों ने मुसाफ़िर बना डाला !!!
+
सुकून की बात मत कर ऐ ग़ालिब....
बचपन वाला 'इतवार' अब नहीं आता |
+
जीवन की भाग-दौड़ में -
क्यूँ वक़्त के साथ रंगत खो जाती है ?
हँसती-खेलती ज़िन्दगी भी आम हो जाती है..
+
एक सवेरा था जब हँस कर उठते थे हम
और
आज कई बार
बिना मुस्कुराये ही शाम हो जाती है..
+
कितने दूर निकल गए,
रिश्तो को निभाते निभाते..
खुद को खो दिया हमने,
अपनों को पाते पाते..
+
लोग कहते है हम मुस्कुराते बहोत है,
और हम थक गए दर्द छुपाते छुपाते..
+
"खुश हूँ और सबको खुश रखता हूँ,
लापरवाह हूँ फिर भी सबकी परवाह
करता हूँ..
+
चाहता तो हु की ये दुनिया बदल दूं ....
पर दो वक़्त की रोटी के जुगाड़ में फुर्सत नहीं मिलती दोस्तों
+
यूं ही हम दिल को साफ़ रखा करते थे
पता नही था की, 'कीमत चेहरों की होती है!!'
+
"दो बातें इंसान को अपनों से दूर कर देती हैं,
एक उसका 'अहम' और दूसरा उसका 'वहम'
+
" पैसे से सुख कभी खरीदा नहीं जाता और दुःख का कोई खरीदार नहीं होता।"
+
किसी की गलतियों को बेनक़ाब ना कर,
'ईश्वर' बैठा है, तू हिसाब ना कर.
तो इस से कोई फर्क नहीं पड़ता के कौन कौन मेरे खिलाफ है।।"
+
तजुर्बे ने एक बात सिखाई है...
एक नया दर्द ही...
पुराने दर्द की दवाई है...!
+
हंसने की इच्छा ना हो...
तो भी हसना पड़ता है...
कोई जब पूछे कैसे हो...??
तो मजे में हूँ कहना पड़ता है
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ये ज़िन्दगी का रंगमंच है दोस्तों....
यहाँ हर एक को नाटक करना पड़ता है.
"माचिस की ज़रूरत यहाँ नहीं पड़ती..
यहाँ आदमी आदमी से जलता है...!
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जल जाते हैं मेरे अंदाज़ से मेरे दुश्मन
क्यूंकि एक मुद्दत से मैंने न मोहब्बत बदली और न दोस्त बदले .!!.
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एक घड़ी ख़रीदकर हाथ मे क्या बाँध ली..
वक़्त पीछे ही पड़ गया मेरे..!!
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सोचा था घर बना कर बैठुंगा सुकून से..
पर घर की ज़रूरतों ने मुसाफ़िर बना डाला !!!
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सुकून की बात मत कर ऐ ग़ालिब....
बचपन वाला 'इतवार' अब नहीं आता |
+
जीवन की भाग-दौड़ में -
क्यूँ वक़्त के साथ रंगत खो जाती है ?
हँसती-खेलती ज़िन्दगी भी आम हो जाती है..
+
एक सवेरा था जब हँस कर उठते थे हम
और
आज कई बार
बिना मुस्कुराये ही शाम हो जाती है..
+
कितने दूर निकल गए,
रिश्तो को निभाते निभाते..
खुद को खो दिया हमने,
अपनों को पाते पाते..
+
लोग कहते है हम मुस्कुराते बहोत है,
और हम थक गए दर्द छुपाते छुपाते..
+
"खुश हूँ और सबको खुश रखता हूँ,
लापरवाह हूँ फिर भी सबकी परवाह
करता हूँ..
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चाहता तो हु की ये दुनिया बदल दूं ....
पर दो वक़्त की रोटी के जुगाड़ में फुर्सत नहीं मिलती दोस्तों
+
यूं ही हम दिल को साफ़ रखा करते थे
पता नही था की, 'कीमत चेहरों की होती है!!'
+
"दो बातें इंसान को अपनों से दूर कर देती हैं,
एक उसका 'अहम' और दूसरा उसका 'वहम'
+
" पैसे से सुख कभी खरीदा नहीं जाता और दुःख का कोई खरीदार नहीं होता।"
+
किसी की गलतियों को बेनक़ाब ना कर,
'ईश्वर' बैठा है, तू हिसाब ना कर.
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